छत्तीसगढ़रायपुर/बिलासपुर

आधारहीन समाचार के प्रकाशन पर DSP ने हाइकोर्ट के वकील के माध्यम से 10 लाख का भेजा नोटिस….

डीएसपी ने गलत समाचार पर जताई आपत्ति, भेजा मानहानि का नोटिस…

रायपुर – छत्तीसगढ़ कैबिनेट मंत्री के नाम पर झूठी खबर फैलाने के खिलाफ डीएसपी ने संपादक एवं संवाददाता के खिलाफ 10 लाख का मानहानि का नोटिस भेजा है। उक्त नोटिस में डीएसपी पर व्यंग्यात्मक और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर व्यक्तिगत रूप से अपमानित करने के प्रयास का विरोध करते हुए अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग कर अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा है जिसमें प्रसारित खबर को तुरंत हटाने और कृत्य पर माफी मांगते हुए जवाब देने के लिए 2 दिन का समय दिया गया है, साथ ही जवाब के बाद आगे की कार्यवाई करने की बात भी कही गई है।

क्या है मामला…

दर्री कोरबा निवासी अनिल द्विवेदी (संवाददाता NPZ) एवं संपादक पर गलत खबर के खिलाफ डीएसपी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्होंने अपने वकील के माध्यम से एक मानहानि का लीगल नोटिस भेज दिया है।

NPZ पोर्टल पर प्रसारित खबर ने लिखा गया था कि ” मंत्री ओपी के खिलाफ FIR कराने वाली मैडम की गजब माया” इस पर प्रतिक्रिया करते हुए डीएसपी ने कहा कि लोक सेवक पर राजनीतिक पक्षपात का टैग लगाना और राजनीतिक घटनाओ पर हुई F I R में सनसनी फैलाने के लिये झूठ में मेरा नाम जोड़ना आपत्तिजनक हैं, साथ ही व्यंग्यात्मक और आपत्तिजनक शब्दो का प्रयोग कर व्यक्तिगत रूप से अपमानित करने के प्रयास का विरोध करते हुऐ मैने अपने विधिक अधिकारों का प्रयोग किया है।

पूर्व आईएएस एवम् छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर जानकारी स्पष्ट है, कि राजनीतिक दल से जुड़े व्यक्ति के द्वारा संबंधित थाने में की गई लिखित शिकायत के बाद ही उनके विरुद्ध अपराध दर्ज किया जाना स्पष्ट है। बावजूद इस तरह झूठी खबर के द्वारा शासकीय सेवक की छवि को धूमिल करना सही नहीं है। उक्त मामले से जुड़ी एफआईआर अभी भी ऑनलाईन है जो की पूर्व में हुए एफआईआर की सच्चाई को स्पष्ट करता है।

डीएसपी सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि तत्कालीन समय में हुई FIR की कार्यवाही में कहीं भी मेरा नाम ही नहीं है, इसके साथ जिन्होंने भी FIR की कार्यवाही की वो लोग भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, ऐसे में लोक सेवकों की सेवाओं का राजनीतिकरण और राजनेताओं के नाम पर झूठी सनसनी फैलाने की हरकतें अस्वीकार्य है।

इस मामले में हाई कोर्ट के अधिवक्ता कुलेश साहू का कहना है कि अनिल द्विवेदी और उनके साथी पोर्टल्स ने ipc 499 और Digital Media Ethics code 2021 के नियमो का स्पष्ट उल्लंघन किया है , जिस पर कार्यवाही करते हुए नोटिस दिया गया है।

यह खबर झूठी और दुष्प्रचार करने वाली है जो कि बीजेपी और ओ.पी. चौधरी के समर्थकों को मेरी क्लाइंट के खिलाफ भड़काने तथा उकसाने का प्रयास करती हैं तथा एक लोकसेवक पर राजनीतिक पक्षपात का, बिना किसी आधार के आरोप लगा कर उनकी राज्य सरकार की सेवाओ को प्रभावित करती हैं। यह उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन पर खतरा पैदा करने के गलत नियत से किये गए प्रयास है।

इस पूरे मामले में नोटिस भेज दिया गया है जिसमें खबर को तुरंत हटाने और कृत्य पर माफी मांगते हुए जवाब देने के लिए 2 दिन का समय दिया गया है, जवाब के आधार पर आगे की कार्यवाही कि तैयारी कर ली गई है।

Related Articles