
सारंगढ़ बिलाईगढ़। जिले के अंतिम छोर सरिया क्षेत्र के भठली ग्राम में अनोखा गहरीकरण देखने को मिला है सिर्फ कागज में कार्य प्रगति है मिस्टर इंडिया की तर्ज पर काम हो रहा है शासन द्वारा लगातार लोगो को रोजगार मुहैया करने के लिये प्रयासरत है हर पंचायत में कई तरह के निर्माण कार्यो को स्वीकृति कर रहे लेकिन एक ऐसे गाँव जहां एक ओर मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण स्वीकृत हुआ है जिसे देखकर हैरान हो जाएंगे सारँगढ़ बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड सरिया के समीप ग्राम भठली पंचायत का है जहां मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण कार्य स्वीकृत हुआ है जिस तालाब में लबालब पानी भरा हुआ है और फर्जी मस्टररोल जनरेटर जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा ।
पानी मे गहरीकरण कैसे जनपद के कार्यशाली पर प्रश्न चिन्ह -बरमकेला जनपद के कार्यशैली पर इस बात प्रश्न चिन्ह उठ रहा है कि तालाब में भरा पानी मे मजदूर कैसे गहरीकरण कर रहे?
भठली ग्राम के पंचायत सरपंच, रोजगार सहायक शासन को लगा रहे चुना – बिना कार्य के फर्जी मास्टररोल जारी किया जा रहा और पंचायत द्वारा अपने निजी लोगो के ऊपर फर्जी मास्टररोल जनरेट कर रहे और कमीशन पर निजी लाभ उठा रहे होंगे शासन को सीधा चुना लगाने का कार्य कर रहे है ऐसे लोगो के ऊपर कार्यवाही कब होगी ? फर्जी लाभ दिलाने में जनपद पंचायत बरमकेला की मौन सहमती होने की आशंका जताया जा सकता है
तकनीकी सहायक विमल कुजूर के मिलीभगत से हो रहा फर्जीवाड़ा
आपको दे मरनरेगा कार्य जब भी स्वीकृति होता है तो उसकी फिल्ड या कार्य स्थल की मुआयना करना कार्य की प्रगति से लेकर वस्तु स्थिति तक की जिम्मेदारी तकनीकी सहायक की होती है जिन्हे कार्य को समय समय पर निरीक्षण करना होता है लेकिन यहां तो तकनीक सहायक की भूमिका संदिग्ध नजर आ रहा है मिली जानकरी अनुसार तकनीकी सहायक को तालाब में पानी भरा हुआ है इस बात की जानकारी है उसके बाद भी तालाब में गहरीकरण का मस्टररोल धड़ल्ले से जनरेट किया जा रहा है हालांकि कार्य स्थल को देखा जाय तो तालाब में पानी भरा हुआ है गहरीकरण के लिए एक टोकरी मिट्टी तक नहीं निकाला गया लेकिन तालाब की चारो ओर साफ सफाई का कार्य नाम मात्र किया गया है ऐसे में फर्जी मस्टररोल भरकर सरकार की पैसों का बंदरबाट किया जा रहा और तकनीकी सहायक को जानकारी होने के बाद भी यह काम जोरो से चल रहा प्रतिदिन फर्जी मस्टररोल भरे जा रहे जिन्हे गलत और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है वही भ्रष्टाचार को सह दे रहे
जिला सीईओ हरिशंकर चौहान को लेना चाहिए तत्काल संज्ञान
आपको बता दे जिला में परियोजना अधिकारी नोडल अधिकारी मनरेगा के पद पर हरिशंकर चौहान बैठे है जिन्हे उनके जिले में हो रहे मनरेगा कार्यों की कड़ी निगरानी करने की आवश्यकता नजर आ रही है जहा लाखो रुपया भ्रष्टाचार की भेट चढ़ता जा रहा जिस पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है अब देखना यह होगा कि समाचार चलने के बाद विभाग या अलाधिकारी कितना संज्ञान लेते है या फिर दफ्तर तक सीमित रह जाते है ?