विभाग के सूचना पत्र पर प्रश्नचिन्ह ?
सारंगढ़ – विगत दिनों सूरजगढ़ पुल के नाका में पथ कर वसूली के नाम पर शासन के निर्धारित राशि से अधिक राशि जो कि अवैध तरीके से वसूली जारी है जिसको लेकर हमने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था वसूली के खबर प्रकाशित होने के बाद लोक निर्माण विभाग रायगढ़ नींद से तो जरूर जागा लेकिन अभी भी उदसीनता की बिस्तर से नीचे नही उतरे आपको बता दे विभाग ने ठेकेदार को नोटिस देते हुए लिखा है जिसको पढ़ने से साफ जाहिर होता है की उसमे ठेकेदार को समझाइश देने जैसे बात कही है और नोटिस के नाम पर समझाइस तक ही विभाग रहा गया जिससे साफ जाहिर होता है की विभाग कैसे वसूली बाज ठेकेदार को अभयदान दिया गया ।आखिर कब विभाग करेगा वसूली बाज ठेकेदार पर कार्यवाही य सिर्फ समझाइश वाली नोटिस के माध्यम से समझाई देकर अभयदान देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा ।
लोक निर्माण विभाग ने क्या लिखा पत्र में पढ़िए
लोकनिर्माण विभाग ने पत्र में लिखा है शासन द्वारा निर्धारित राशि से अधिक राशि वसूली जोर जबर्दस्ती से किया जा रहा है चुकी यह नियमों के विरुद्ध है अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि अवैध वसूली को तत्काल बंद किया जावे एवं शासन के नियमानुसार निर्धारित दर पर ही राशि लिया जावे अन्यथा आपके विरुद्ध अनुशासनत्मक कार्यवाही हेतु उच्च कार्यलय को अनुषंसा की जाएगी एवम आपके द्वारा जमा अमानती राशि को राजसात की जाएगी जिस तरह से पत्र जारी किया गया है उससे साफ जाहिर होता है कि विभाग द्वारा ठेकेदार को मौन सहमती और संरक्षक में अवैध वसूली किया जा रहा है होगा जैसे पत्र में प्रतीत होता है नोटिस के नाम मात्र एक खाना पूर्ति है लोगो का ध्यान भटकाने के लिए दिया गया होगा टोल बेरियर में टोल टैक्स सूरजगढ़ पुल नदी में सैकड़ो ट्रक से वसूली किया जा रहा है वहा पर धड़ल्ले से चल रहा है आखिर क्यों विभाग उसे नजर अंदाज कर रहा ? या जानबूझकर ठेकेदार को बचाने में लगे है ? ठेकेदार तो लाखो की वसूली कर जेब में डाल गया और पीडब्ल्यूडी विभाग रायगढ़ ने ऐसे वसूली बाज ठेकेदार पर कार्यवाही किया जाएगा ?
अवैध वसूली पर ठेका निरस्त करना चाहिए लेकिन नोटिस देकर मामला दबाया जा रहा?
अपको बता दे लगातार प्रतिदिन उस रास्ते से हजारों गाडियां चलता है विगत कुछ दिनो से लगातार वसूली जारी है लाखो रूपये ठेकेदार ने शासन की 100 रूपये की पर्ची नाम पर ट्रक वहनों के साथ धोखाधड़ी और अवैध वसूली किया है इस पर ठेकेदार के ऊपर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए इसमें पीडब्ल्यूडी विभाग को स्वतः नोटिस के साथ ठेकेदार के ऊपर कानूनी तौर पर एफआईआर दर्ज करवाना चाहिए और जांच कर जितने में अवैध राशि वसूली गई है उसे वाहन मालिकों को देना चाहिए और ठेकेदार के ऊपर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए लेकिन हुआ क्या सिर्फ नोटिस जिसमे बस एक मां छोटे बच्चे को कहती की आइंदा ऐसा गलती मत करना नही तो। खाना नही दुगी या मरूँगी ठीक उसी तरह पीडब्ल्यूडी की हरकत नजर आ रहा दुबारा नही करना नहीं तो ठेका रद्द तुम्हारा अमानत राशि राजसात जैसे फुसलाने वाली बाते नजर आ रहा कार्यवाही तो दूर की बात है खैर फिलहाल जनहित को देखते हुए पीडब्ल्यूडी को कोई न कोई कड़े कदम उठाने होगे नहीं तो ठेकेदार का मनोबल ऐसा ही बढ़ता चला जायेगा ?