कोरोनाकाल में बना मनरेगा मुर्गी सेड समूह की महिला के लिए कर्म भूमि
सारंगढ़: रायगढ़ जिले के गांव में पशुपालन के साथ मुर्गी पालन को भी हमेशा से ही वैकल्पिक पालन के तौर पर किया जा रहा है ।जिसे कभी भी व्यवसायिक दृष्टि से नहीं देखा गया था। लेकिन शासन की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत मुर्गी सेड निर्माण कार्य से यह बदलाव गांव में दिखाई देता नजर आ रहा है। जिससे समूह की महिला मुर्गी पालन व बिक्री कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। और इससे अतिरिक्त आय का सृजन कर पा रही है
रायगढ़ जिले के सारंगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत कोतमरा की रहने वाली महिला अमेरिका जायसवाल पति संतोष जायसवाल जो कि एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। लेकिन कोरोना वायरस के विषम परिस्थिति में भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करते हुए घर पर ही व्यवसायिक तौर पर मुर्गी पालन करने का निर्णय लिया और अपने जनपद पंचायत सारंगढ़ के मनरेगा शाखा में मुर्गी सेठ निर्माण हेतु आवेदन किया मनरेगा योजना अंतर्गत 1 माह के भीतर ही मुर्गी सेड निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया जिसमें 70000 राशि( मजदूरी 9500 और सामग्री ₹60900)की स्वीकृति प्रदान की गई प्रशासकीय सुकृति के पश्चात कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को कोतमरा के द्वारा निश्चित समय अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात आजीविका संवर्धन हेतु महिला सदस्य अमेरिका जयसवाल चांदनी महिला स्व सहायता समूह द्वारा 240 देसी मुर्गी पालन फार्म भरा गया और अमृता जायसवाल के कड़ी मेहनत और प्रयास से देखते ही देखते महिला के द्वारा 1 महीने में 300 किलोग्राम मुर्गी विक्रय कर ₹90000 की राशि अर्जित की गई। अर्जित आय से वृहद स्तर पर मुर्गी पालन किया जा रहा है अतिरिक्त आय होने से केचुआ पालन भी किया जा रहा है एवं गौठानो में विक्रय कर अतिरिक्त लाभ भी अर्जित किया जा रहा है।मनरेगा अंतर्गत तालाब में मछली पालन का कार्य भी किया जा रहा है। हितग्राही के द्वारा एक स्मार्टफोन भी खरीदा गया जिससे उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लास की सुविधा मिल पा रही है जिससे वह बहुत खुश है मुर्गी पालन से हो रहे अच्छे लाभ को देखते हुए गांव में और अन्य समूह की महिलाओं ने मुर्गी पालन को लेकर काफी उत्साह है।