कोरबाछत्तीसगढ़

कोयले की चोरी को लेकर प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के छवि को धूमिल करने की कोशिश ? मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक ने लिया संज्ञान, दिए जाँच के निर्देश

कोरबा. कोयले की कथित चोरी को लेकर पुलिस विभाग एक्शन मूड में है आपको बता दे कोयले की चोरी का दावा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है इस वीडियो में मजदूर खदान से कोयला लेकर ऊपर आते हुए दिख रहे है।

हालांकि यह वीडियो कहां का है और इस खदान का है या अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है वहीं जानकारी मिली है कोयले की लोडिंग को लेकर झारखंड राज्य के धनबाद में कोयले की खदानों में मजदूरों के द्वारा लोडिंग कराया जाता है संभवत यह धनबाद का वीडियो है जिस वीडियो को वायरल कर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाने का कार्य किया जा रहा है।

हालांकि इस मामले को लेकर बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी ने रायगढ़ एवं कोरबा के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कोयले के अवैध कार्यों को अंजाम देने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है छत्तीसगढ़ में रायगढ़, कोरबा, कोरिया, विश्रामपुर, और बैकुंठपुर में कोयला की खदानें हैं लेकिन किसी खदानों में लेबरों के द्वारा लोडिंग नहीं किया जाता छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्य झारखंड के धनबाद में लेबरों के द्वारा लोडिंग किया जाता है ऐसा माना जा रहा है प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के कर्तव्य आचरण को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है ?

कोरबा जिले में कोयला चोरी को लेकर कई बार स्थितियां सामने आई लेकिन गौर करने वाली बात यह है कोयले की चोरी को लेकर भारी संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान खदानों में तैनात रहते हैं तभी खदानों में किसी भी प्रकार के चोरी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किया जा सके । कोरबा में संचालित कोयले की खदानों में भारी मात्रा में त्रिपुरा के जवान तैनात हैं सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए एसईसीएल के द्वारा इन जवानों को तैनात किया गया है इनकी तैनाती के दौरान इतने बड़े संख्या में मजदूरों का खदान में प्रवेश करना संभव नहीं है चलिए मान लेते हैं कोरबा में भारी संख्या में मजदूरों के द्वारा कोयले की चोरी लगातार की जा रही है ऐसे में त्रिपुरा बटालियन के जवानों की सुरक्षा मैं क्या कोई कमी रह गई थी और यदि सुरक्षा के बावजूद स्थानीय लोगों के द्वारा खदानों में प्रवेश किया जा रहा है तो एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा क्या पुलिस के समक्ष लिखित शिकायत की गई यह अपने आप में सवाल है।

कोयले चोरी को लेकर कोरबा पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशानुसार ताबड़तोड़ कार्यवाही स्वता संज्ञान लेकर किया गया है। जो अभी भी जारी है।

एसईसीएल कोरबा में संचालित खदानों में कोयला कि चोरी यदि हो रही है तो कितने बार प्रबंधन ने पुलिस के समक्ष शिकायत किया है और आखिर क्या कारण है केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती के बावजूद बड़ी संख्या में कोयले की चोरी हो रही है।

क्या प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है और यदि नहीं तो इस चोरी को लेकर केवल सोशल मीडिया में वीडियो वायरल करने में ही अवैध कार्य पर मुहर लग रही है।

एसईसीएल के खदानों में सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए खदानों के चारों ओर लगभक 100 फीट के गड्ढे खोदे गए हैं ताकि खदानों में अनाधिकृत प्रवेश को रोका जा सके । वायरल वीडियो में जितनी आसानी से लोगों के द्वारा कोयले को निकालते हुए देखा जा सकता है कोरबा जिले में संचालित खदानों में यह संभव प्रतीत नहीं होता ऐसे में सैकड़ों ग्रामीण और बच्चों की भीड़ खदानों में केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती के बावजूद कैसे उतर गए यह भी अपने आप में सवाल है।

कोयला चोरी के मामले को प्रकाश में आने के बाद बिलासपुर रेंज के आईजी ने कई बिंदुओं पर जांच करने के निर्देश दिए हैं।

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के पड़ताल में खदानों के निरीक्षण पर भौगोलिक आधारशिला के छाया चित्र एवं वीडियो को विपरीत पाया गया।

आपको बता दें कोरबा जिले में कोयले की चोरी को लेकर पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सचिन खड़ा करने के नाकाम प्रयास कई वार किए गए हैं बावजूद कोरबा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के मौजूदगी में समीक्षा बैठक कर कोयले की चोरी को लेकर जिला दंडाधिकारी ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए एसईसीएल प्रबंधन को कड़ी निर्देश दिए थे।

वही कोयले की कथित चोरी के मामले के प्रकाश में आने के साथ ही कोरबा एसपी ने अवैध कार्यो में संलिप्त लोगो के साथ-साथ कोयला चोरी जैसे प्रकरणो पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए है साथ ही हरदीबाजार एवं दीपका थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया है।

इस तरह के मामले में बिना सत्यता की जांच किए प्रशासनिक व्यवस्थाओं के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह कई बार खड़ा किया गया है लेकिन हैरत की बात यह है एक तरफ खदानों में कोयले चोरी का दावा किया जाता है वहीं दूसरी तरफ एसईसीएल के मैनेजमेंट के द्वारा खदानों में किसी भी तरह की चोरी से इनकार करते हुए सुरक्षा में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों की पीठ को थपथपाया जाता है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा आखिर खदानों में चोरी करने के दावों में कितनी सच्चाई है।

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