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बी.टेक (फूड टेक्नोलॉजी): एक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम*




रायपुर हमारा देश विभिन्न कृषि जलवायुओं वाला है, जिसकी आवश्यकता खाद्य उत्पादन के विकास में होती है और इसके प्रमुख उत्पादक भी यही होते हैं। इस प्रकार की पृष्ठभूमि की उपलब्धता फूड इंडस्ट्री को एक सशक्त आधार प्रदान करती है। सर्वेक्षण द्वारा यह ज्ञात किया गया है कि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होने से और बदलते समय के अनुसार इस तेजी से बदलती दुनिया में भोजन केवल एक बुनियादी आवश्यकता नहीं रह गई है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई है जो हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण को भी प्रभावित करती है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, सुरक्षित, पौष्टिक और संतुलित भोजन की मांग भी बढ़ रही है।

फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी इस मांग को पूरा करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यह भी सुनिश्चित करती है कि खाद्य उपभोक्ताओं के सामने सर्वोत्तम स्थिति में पहुँचे, चाहे वे कहीं भी हों।

छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न फसलों, सब्जियों, फलों, लघु वनोपज और वनस्पतियों की प्रचुर मात्रा को देखते हुए इस राज्य में भी फूड टेक्नोलॉजी से संबंधित तकनीकों का उपयोग कर विभिन्न प्रकार के स्नैक्स, प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स, इंस्टेंट नूडल्स, फ्रोजन फूड, रेडी टू ईट प्रोडक्ट्स, चिप्स, जैम, जेली, फ्रूट सब्ज़ियाँ, फ्रूट जूस, फोर्टिफाइड अनाज, ड्राईफूड और डिजाइनर टेक्नोलॉजी आधारित उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। ऐसे विषय के महत्व को समझते हुए हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र आदि राज्यों में कई फूड संबंधित शैक्षणिक और अनुसंधान केंद्र खोले गए हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य में भी उपयुक्त मानव संसाधन विकसित हो, इसके लिए वर्ष 2020 में कॉलेज ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, रायपुर की स्थापना इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत की गई तथा यह छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र सरकारी फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज है। इस कॉलेज में बी.टेक (फूड टेक्नोलॉजी) 4 वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित है तथा इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त है। कुल 36 सीटें प्रवेश हेतु उपलब्ध हैं। प्रवेश के लिए 12वीं गणित, भौतिक, रसायन और अंग्रेजी के साथ उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य की PET 2025 अथवा JEE Mains 2025 की पात्रता पर प्रवेश दिया जाता है।

राज्य के आरक्षण नियमों के अनुसार प्रवेश देने के उपरांत यदि सीट रिक्त रहती है तो अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी नियमों के अनुसार प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।

इस कोर्स में कुल 8 सेमेस्टर निर्धारित हैं और प्रैक्टिकल तथा स्किल डेवलपमेंट विषयों को महत्व दिया गया है। थियोरी और प्रैक्टिकल कोर्स के लिए अलग-अलग खंड तय किए गए हैं। ICAR 5th Dean Committee की सिफारिशों एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को सम्मिलित करने से विद्यार्थी कुल 182 क्रेडिट का अध्ययन करते हैं, जिसमें 8वें सेमेस्टर की 5 माह की इंटर्नशिप और 1 से 4 सेमेस्टर में 6 स्किल डेवलपमेंट कोर्स अनिवार्य हैं।

इस फूड टेक्नोलॉजी कोर्स में विद्यार्थी फूड इंजीनियरिंग, फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, फूड सेफ्टी, फूड माइक्रोबायोलॉजी, फूड क्वालिटी ऐश्योरेंस, फूड प्लांट ऑपरेशन्स, फूड बिजनेस मैनेजमेंट जैसे विषयों के साथ-साथ सामान्य एसेंशियल और बेसिक इंजीनियरिंग का भी अध्ययन करते हैं। NEP 2020 के प्रावधानों के अनुसार यदि विद्यार्थी क्रमशः 2 और 4 सेमेस्टर के अध्ययन के बाद सभी विषय उत्तीर्ण करता है और 4 सप्ताह की इंटर्नशिप करता है तो वह एक वर्ष का सर्टिफिकेट और 2 वर्ष का डिप्लोमा फूड टेक्नोलॉजी का प्राप्त कर सकता है और किसी फूड इंडस्ट्री में रोजगार प्राप्त कर सकता है।

कॉलेज की स्थापना के उपरांत विद्यार्थियों का फूड इंडस्ट्री से निरंतर संपर्क सुनिश्चित किया गया है ताकि विद्यार्थी इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार हो सकें। स्नातक स्तर की प्रायोगिक आवश्यकताओं और उत्कृष्ट प्रशिक्षण की पूर्ति के लिए फूड इंजीनियरिंग लैब, फूड टेक लैब, फूड माइक्रोबायोलॉजी लैब, पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग लैब, फूड क्वालिटी टेस्टिंग लैब, फूड पैकेजिंग लैब, बेकरी और कनफेक्शनरी लैब, मिल्क प्रोसेसिंग लैब, ग्रेन प्रोसेसिंग लैब, सॉया प्रोसेसिंग लैब, एग्रो प्रोसेसिंग लैब, फूट राइफनिंग लैब, बेसिक इंजीनियरिंग और वर्कशॉप तथा कंप्यूटर लैब कॉलेज में विकसित की जा चुकी हैं।

कॉलेज के अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को देश की विभिन्न फूड इंडस्ट्री जैसे इंजॉय डेयरी, वामनदास, गोल्डी, आदित्य, अंस एग्रो फूड पार्क, राधोसेट, एग्रोविजन, दूधधारा, औषधीय फूड्स, डेसील, ओपन, एल्को, फ्रेश बास्केट, सोमल, मनुशा आदि में नियुक्त किया जाता है ताकि वे इंडस्ट्री की विभिन्न यूनिट में ऑन-हैंड अनुभव प्राप्त कर सकें और वास्तविक रूप में इंडस्ट्री रेडी मानव संसाधन बन सकें। साथ ही कॉलेज के पास स्वयं का इनक्यूबेशन सेंटर है जिसमें फ्रूट फूड, स्पाइस प्रोसेसिंग, पल्सेस और जैम जेली की प्रोसेसिंग सुविधा है। यह PMFME भारत सरकार के सहयोग से स्थापित किया गया है ताकि विद्यार्थियों को स्किल डेवलपमेंट का लाभ मिल सके और राज्य के किसानों को आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षित किया जा सके।

यह अत्यंत गर्व का विषय है कि कॉलेज के प्रयासों से प्रथम बैच 2024 के सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को फूड इंडस्ट्री से प्री-प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त हुआ। इसी प्रकार 2025 बैच के विद्यार्थियों की प्रक्रिया जून 2025 तक पूर्ण होगी। इससे पूर्व ही 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को भी प्री-प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त हो चुका है। विद्यार्थियों के लिए उच्च अध्ययन के भी अनेक अवसर देश/विदेश की प्रमुख संस्थानों में उपलब्ध हैं जैसे पंजाब टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, CFTRI Mysore, खड़गपुर, परनगंज, अन्ना, लखनऊ, बैंगलोर, कोल्हापुर, जूनागढ़, धनबाद, भुवनेश्वर आदि विश्वविद्यालयों में।

इस प्रकार इस रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के उपरांत फूड टेक्नोलॉजिस्ट, फूड माइक्रोबायोलॉजिस्ट, फूड सेफ्टी ऑफिसर, फूड क्वालिटी एनालिस्ट, फूड साइंटिस्ट, न्यूट्रीशनिस्ट, सुपरवाइजर, प्रोडक्शन एक्जीक्यूटिव, प्रोडक्शन मैनेजर आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।

आम तौर पर सभी फूड इंडस्ट्री में बिना फूड टेक्नोलॉजिस्ट के कार्य पूर्ण नहीं होता, इसलिए यह पाठ्यक्रम सही मायनों में रोजगार प्रदान करने वाला है।

इस पाठ्यक्रम की फीस प्रति सेमेस्टर लगभग ₹15500/- है और रायपुर स्थित फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया जून 2025 के अंतिम सप्ताह में प्रारंभ होगी।

अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप नंबर 9425525249 पर संपर्क करें।

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