सारंगढ़-बिलाईगढ़. आज तक सारंगढ़ मे सरपंच सचिव द्वारा भ्रस्टाचार करने की जानकारी मीडिया को प्राप्त हो रही थी, लेकिन ग्राम मल्दा (ब) के महिला सरपंच और सचिव ने 2 पंचो और मनरेगा सचिव पर फर्जी मस्टररोल जनरेट कर और सरपंच सचिव का फर्जी हस्ताक्षर कर राशि आहरण कर गबन करने का गंभीर आरोप लगाकर पूरे अंचल मे सनसनी फैला दी है।
क्या है पुरा मामला –
सारंगढ़ और बरमकेला के मध्य स्थित ग्राम पंचायत मल्दा (ब) के महिला सरपंच श्रीमती आशा चौहान, पति कैलाश चौहान और सचिव ने जनपद सीईओ श्री अभिषेक बैनर्जी को लिखित शिकायत मे कहा है कि सन 2021 -22 मे 14,50,000 रुपये नाली निर्माण हेतु स्वीकृत किया गया था, नाली का निर्माण रोहित घर से मरवाड़ी टिकरा तक होना था। जिसमे 1203000 सामग्री हेतु एवं 247000 मजदूरी हेतु देना था।
सरपंच आशा चौहान ने शिकायत मे कहा है की मनरेगा सचिव भानु जगत ने मल्दा के 2 पंच गंगासागर पटेल और मनोज पटेल से मिलकर पहले फर्जी मस्टररोल तैयार कर अपने परिचितों और चहेतों के नाम बिना कार्य के मजदूरी दर्शाकर सरपंच सचिव का जाली हस्ताक्षर कर राशि निकाल लिए एवं आपस मे गबन कर लिए जो कि सरासर नियम के विरुद्ध और गुनाह कि श्रेणी मे आता है। अतः महिला सरपंच और सचिव ने दिनांक 06 -09- 2022 को जनपद सीईओ कार्यालय मे तत्काल उचित जांच कर दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई हेतु मांग की है।
दोनो पंचो की दबंगई से पंचायत परेशान ?
सरपंच और सूत्रों के अनुसार पंच गंगासागर और मोहन पटेल द्वारा पहले भी धान खरीदी मंडी मे जेसीबी और ट्रैक्टर से मैदानी समतलीकरण कराने की बात की शिकायत हुवी थी, जिसका सारा ठीकरा दोनो के द्वारा जबरन सरपंच के उपर लाद दिया गया था तत्कालीन एसडीएम ने मीडिया मे खबर आने के पश्चात भुगतान हेतु रोक लगा दिया था।
मिडिया द्वारा पूछने पर गंगासागर और मोहन द्वारा कहाँ से मजदूर मिलेगा जाओ एसडीएम और सीईओ को बोलना हमारे यहाँ मजदूर भेजें कहकर भी बोला गया था। जिसकी शिकायत एसडीएम से मीडिया द्वारा की गयी थी।
महिला रोजगार सचिव भानू दिखाती है पहुंच, पत्रकारों को कराती है फोन –
पिछले समय जेसीबी से काम कराने और फर्जी मस्टररोल हेतु खबर छपने पर रोजगार सचिव महिला होने और खुद को पाक साफ बताने कुछ पत्रकारों और नेताओं से भी फोन कराती है जिनके द्वारा रोजगार सचिव पर खबर ना छापने दबाव डाला जाता है। इसी से रोजगार सचिव कि पहुंच और मनमानी का अंदाज लगाया जा सकता है। शायद इन्ही फोन कर्ताओं द्वारा रोजगार सचिव भानू को ताकत और संबल मिलता है जिससे आज ये फर्जी मस्टररोल के साथ फर्जी हस्ताक्षर करने की भी हिम्मत जुटा पाई।
जनता के समक्ष रोजगार सचिवों के क्रिया कलापों का जा रहा गलत संदेश –
एक तरफ कम वेतन पर काम करने के लिए रोजगार सचिवों पर जनता कि सहानुभूति छलकती है वहीं दूसरी तरफ सच्चे हितग्राहियों से काम ना कराकर अपने चहेतों के नाम पैसा चढ़ाकर बाद मे सेटिंग कर खुद 80% हड़प लेने की शिकायत से ज्यादातर ग्रामीणों मे गुस्सा भरा पड़ा है जो कभी भी फुट सकता है। ऐसे मे जब सरकार ने उनका मानदेय बढ़ा दिया है उन्हे अब भ्रस्टाचार करने कि आवश्यकता नही जान पड़ती है।
महिला सरपंच ने पंच गंगासागर पटेल और मनोज पटेल के नाम थाने मे की शिकायत –
सरपंच आशा चौहान ने थाने मे लिखित शिकायत मे कहा है की वे
ग्राम मल्दा ब की सरपंच हैँ ग्राम पंचायत मल्दा (ब) के नया तलाब के किनारे पंचायत द्वारा बोर खनन कर पंप डाला गया था जो गर्मी के दिनों में तलाब भराई का काम आता था और अन्य दिनों गांव के पाईप लाईन से जोड़ा गया था। जिसका उपयोग पीने के पानी एवं निस्तार के काम आता था। जिसे जबरन किसी को बताये बिना, सुगसान समय में उखाड़ कर ले गया। जब ग्रामीणों को पानी की किल्लत पड़ने लगा तो गांव वाले सरपंच को बोले की हमारे घर पानी नहीं आ रहा है। सरपंच द्वारा पता साजी करने पर पता चला की गांव के ही दो व्यक्ति निकाल कर अपने घर ले गये है। जिसका नाम क्रमशः (1) गंगासागर पटेल पिता मोहन प्यारे पटेल (2) मनोज पटेल पिता रामप्यारा पटेल बताया गया है, विदित हो सन दोनो ही मल्दा ब के पंच हैँ। महिला सरपंच ने आरोप लगाते हुवे निवेदन किया है सन जो व्यक्ति सार्वजनिक समान को अपने घर मे रख सकते हैँ ऐसे व्यक्तियों के घर को पता साजी करने से चोरी के अन्य सामान भी बरामद हो सकता है।
जल्द जांच और उचित कार्रवाई नही होने पर कलेक्टर के समक्ष करेंगी शिकायत –
इतनी गंभीर मुद्दा जिस पर तत्काल संज्ञान लेनी चाहिए लेकिन 06 सितंबर को दी गयी महिला सरपंच और सचिव के लिखित आवेदन और जांच मे विलंब समझ के परे है। सरपंच ने आशंका जताई है कि ऊँचे पहुंच वाली रोजगार सचिव और गाँव के दबँग दोनो पंचो के खिलाफ अभी तक कोई जांच नही हो पाई जो समझ से परे है। सरपंच ने कहा कि जनता के हित के साथ धोखा करने वाले रोजगार सचिव और दोनो बाहुबली पंचो के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर उचित कार्यवाही नही किया गया तो वो श्रीमान कलेक्टर महोदय के समक्ष शिकायत करेंगी या प्रदेश स्तर तक भी जाएंगी।