छत्तीसगढ़सारंगढ़

चंदाई ग्राम का बघेला तालाब विवादों में, पटवारी पर अनियमित बिक्री का आरोप, ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई गुहार


सारंगढ़ – सारंगढ़ जिले के निकट स्थित चंदाई ग्राम का बघेला तालाब, जिसे वर्षों पहले राजा नरेशचंद ने ग्रामवासियों के आम निस्तार के लिए बनवाया था, अब बिक्री की स्थिति में पहुंच गया है। यह तालाब ग्रामवासियों के लिए पानी का मुख्य स्रोत रहा है, जिसे अब तक ग्रामीणों द्वारा निस्तार के रूप में उपयोग किया जा रहा था।


हाल ही में, यह तालाब, खसरा नंबर 153/2, बसंत माला उर्फ कामिनी तिवारी निवासी सारंगढ़ के नाम पर दर्ज हो गया है, और तालाब के एक एकड़ हिस्से को बेच दिया गया है।

ग्रामीणों का कहना है

कि यदि इस तालाब की बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई, तो उन्हें निस्तार के लिए पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने इस मामले में जिला कलेक्टर, एसडीएम, और तहसीलदार से गुहार लगाते हुए तालाब को आम निस्तार के लिए सुरक्षित रखने और बिक्री प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है।
ग्रामीणों का मानना है कि इस तालाब का निर्माण जनहित में किया गया था, और इसे निजी स्वामित्व में देना गांव के हितों के खिलाफ है। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि इस पर शीघ्र कार्रवाई होगी।


चंदाई के बघेला तालाब की बिक्री पर ग्रामीणों का विरोध, तहसीलदार से की शिकायत पटवारी का


अब विवाद में घिर गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस तालाब को निजी स्वामित्व में बेचने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे गांव के लोगों में आक्रोश है।
4 नवंबर 2024 को ग्रामीणों ने तहसीलदार को एक लिखित शिकायत पत्र सौंपा। शिकायत में उल्लेख किया गया,
इसे निजी स्वामित्व में बेचा जाना नियमों का उल्लंघन है।
शिकायत में पटवारी संतोष पटेल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने इस भूमि को निजी संपत्ति के रूप में विक्रय करने की अनुमति दी है, जिससे कई लाख रुपये का लेन-देन हुआ है। ग्रामीणों ने तहसीलदार से मांग की है कि इस बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए और इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस बघेला तालाब को निजी स्वामित्व में दे दिया गया, तो उन्हें निस्तार और अन्य आवश्यकताओं में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।




ग्रामीणों ने जब इस संबंध में पटवारी इस बात की फोन के माध्यम से तब पटवारी ने  सांफ इनकार करते हुए कहा मैने नकल नहीं दिया है। उसे जगह को मौका देखकर पंजीयक द्वारा रजिस्ट्री किया गया है। 30/10/2024 को।



लेकिन ग्रामीण ने बताया पटवारी साहब द्वारा चौहद्दी में साफ-साफ  लिखा गया है
” *इस  खसरा नंबर 153/2 में  निजी तालाब स्थित है जिसका सार्वजनिक उपयोग नहीं किया जाता है।”*

Related Articles