कोरबा

पी एम आवास घोटाला, राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को मिले PM आवास को पक्का की जगह बना दिया कच्चा मकान, मामला पूर्व गृहमंत्री विधानसभा क्षेत्र का…

कोरबा: प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक ननकी राम कंवर के विधानसभा क्षेत्र में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना पीएम आवास निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। पीएम आवास योजना अंतर्गत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा हितग्राहियों को पक्के आवास की जगह कच्चे आवास बनाकर दे दिया गया है और रिपोर्ट में पक्का आवास का फर्जी फोटो लगा दिया है। वहीं विभाग को सौपे गए फर्जी फोटो एवं जियो टेगिंग से राशि भी निकाल ली गई।

आपको बता दें कोरबा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पतरापाली वित्तीय वर्ष 2016-17 में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले अति पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं बलदेव प्रसाद, लटियारीन, दिनु, दलसाय, इतवार सिंह, कुमान सिंह, बालक राम और राम प्रसाद को पीएम आवास स्वीकृत किया गया था। पीएम आवास स्वीकृति मिलने के बाद आवास मित्र एवं विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मौका स्थल जांच करते हुए जियो टेगिंग कर आवास का निर्माण कार्य शुरू कराया गया।

आवास निर्माण की देखरेख का जिम्मा सम्हाल रहे आवास मित्र और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कार्य का निरीक्षण करते हुए बन रहे आवास का जियो टेगिंग एवं फ़ोटो खीचकर विभाग को रिपोर्ट भी सौपा गया। आवास मित्र और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा सौपे गए रिपोर्ट के आधार पर हितग्राही को मिलने वाली तीनों क़िस्त की राशि भी जारी हो गई।

फर्जीवाड़े की असल पहलू यह है कि आवास मित्र एवं जिम्मेदारी विभाग के अधिकारी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में फ़ोटो और जियो टेगिंग के अनुसार पहाड़ी कोरवाओं के लिए बनाए गए 2 हितग्राहियों के आवासों को पक्का और अन्य 6 हितग्राहियों के आवासों को सिर्फ पूर्ण होना बताया है मगर फ़ोटो नहीं लगाया है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सभी आठों हितग्राहियों के आवास पक्के नही बल्कि कच्चे सीटदार बने हुए हैं और तो और कुछ आवास अभी भी पूर्ण नहीं हुए है लेकिन रिपोर्ट के आधार पर हितग्राहियों को संपूर्ण राशि जारी कर दिया गया।

अब सवाल यह है, केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पीएम आवास पर इस तरह पलीता लगाने वाला आखिर कौन है? किन-किन लोगों के द्वारा विभाग को गलत रिपोर्ट सौंपी गई जिससे पहाड़ी कोरवाओं को इस योजना का लाभ मिलने से वंचित होना पड़ा। आवास पूर्ण और सही बना है या नही की भौतिक जांच करने की जिम्मेदारी विभाग द्वारा आखिर किसे सौंपी गई थी और उस जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा इस तरह से झूठा रिपोर्ट विभाग को क्यों सौंपा गया? यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

जहाँ बेपरवाह और गैरजिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज पहाड़ी कोरवाओं को पक्के आवास की सुविधा नहीं मिल पा रही है, वही केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना धरातल पर आने से पहले ही धरी की धरी रह गई। वर्तमान में पहाड़ी कोरवाओं को कच्चे आवास होने के कारण उनके मन में जंगली जानवरों का खतरा बना हुआ है वहीं बरसात के दिनों में भी इनकी समस्या व खतरा बढ़ जाती है।

दूसरी तरफ केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी पीएम आवास योजना में प्रदेश सरकार द्वारा अपने अंश की राशि नही देने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच विधानसभा सत्र के दूसरे दिन घमासान मचा रहा और अंततः सत्र को बंद करना पड़ा। विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश सरकार द्वारा अपने अंश की राशि नही देने के कारण पीएम आवास योजना प्रदेश में अधर पर लटकी हुई है जिसके कारण लाखों जरूरत मंद परिवारों को पक्की छत का सहारा नहीं मिल पा रहा है।

इस मामले को लेकर कार्यवाही संबंधी जानकारी चाहने जिला सीईओ कोरबा नूतन सिंह कंवर को मोबाइल से संपर्क किया गया परंतु मोबाइल रिसीव नहीं होने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल पाया, वही जनपद सीईओ कोरबा जी.पी.मिश्रा द्वारा भी मोबाइल रिसीव नहीं करने के कारण उनका भी पक्ष नहीं मिल सका।

अब देखना होगा कि इस तरह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लगाने वाले दोषियों और गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर जिला प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करती है, यह देखने वाली बात होगी।

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