सारंगढ भगवान सहस्त्रबाहु जयंती एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान सहस्त्रबाहु की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है।
भगवान सहस्त्रबाहु हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं, जिन्हें सहस्रार्जुन या कार्तवीर्य अर्जुन के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था। भगवान सहस्त्रबाहु को उनके हजार भुजाओं के कारण इस नाम से जाना जाता है।
भगवान सहस्त्रबाहु की कथा महाभारत, वेदों और पुराणों में पाई जाती है। उनकी कथा के अनुसार, भगवान सहस्त्रबाहु एक शक्तिशाली और न्यायप्रिय राजा थे, जिन्होंने अपने राज्य में धर्म और न्याय की स्थापना की। उन्होंने कई युद्ध जीते और अपने राज्य को सुरक्षित रखा।
भगवान सहस्त्रबाहु जयंती का महत्व
1. न्याय और धर्म की स्थापना
2. शक्ति और साहस का प्रतीक
3. भगवान विष्णु के अवतार परशुराम की महिमा
4. हिंदू धर्म की समृद्धि और विरासत
भगवान सहस्त्रबाहु जयंती कैसे मनाते
1. पूजा-अर्चना
2. हवन और यज्ञ
3. भगवान सहस्त्रबाहु की कथा का पाठ
4. दान और पुण्य कार्य
5. परशुराम की पूजा और अर्चना
6. नगर में शोभायात्रा
इस प्रकार, भगवान सहस्त्रबाहु जयंती एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान सहस्त्रबाहु की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। यह त्योहार न्याय, धर्म और शक्ति का प्रतीक है।
सारंगढ कलार समाज ने मनाई सहस्त्रबाहु जयंती के दौरान सारंगढ सहित आसपास के गांव से भी समाज के लोग बड़ी संख्या में जुटे। कार्यक्रम का शुभारंभ यादव सामाजिक भवन सारंगढ़ से रैली निकाली गई। रैली जय स्तंभ चौक होते हुए नंदा चौक,तहसील कार्यालय चौक के सामने नगर से होते हुए भारत माता चौक बस स्टैंड, रानी लक्ष्मीबाई परिसर के आगे से अग्रसेन चौक मे प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल,महासभा अध्यक्ष सरोज डनसेना एवं परिक्षेत्र अध्यक्ष डॉ हरिहर जायसवाल उपाध्यक्ष संतोष जायसवाल के द्वारा भगवान श्री अग्रसेन जी माल्याअर्पण किया,अग्रसेन भवन, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के आगे यादव भवन तक शोभा यात्रा पहुंची। इसके बाद में विविध कार्यक्रम हुए। मुख्य अतिथि के रूप में विजय जायसवाल प्रदेशाअध्यक्ष ,डमरूधर जायसवाल प्रदेश कोषाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ कलार महासभा अध्यक्ष सरोज डनसेना, डोल कुमार जायसवाल,आईटी सेल कलार समाज छत्तीसगढ़ प्रवीण जायसवाल रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ हरिहर जायसवाल,उपाध्यक्ष संतोष जायसवाल द्वारा किया गया। इस दौरान उपस्थित समाज के पदाधिकारी, युवा,बुजुर्गों व प्रतिभावान विद्यार्थियों का शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम मे उपस्थित मधु जायसवाल, दाताराम जायसवाल, मणिशंकर जायसवाल, संतोष जायसवाल,अमित जायसवाल,बहादुर जायसवाल,टिकेश्वर जायसवाल, हरि जायसवाल,फूलकुमार जायसवाल, घासीराम जायसवाल,निलेश जायसवाल,संजय जयसवाल, श्याम लाल जायसवाल, साहिल जायसवाल,अयोध्या जायसवाल उपस्थित रहे।