“बोरा भराई और तौल अब सिर्फ हमाल ही करेंगे” किसानों को मिली राहत — सरसीवां धान उपार्जन केंद्र में तहसीलदार आयुष तिवारी का सख्त निर्देश,

अब बड़ा सवाल…
निरीक्षण के बाद व्यवस्था सुधारी तो गई है, पर सवाल यह है कि—
क्या सरसीवां उपार्जन केंद्र में यह नियम स्थायी रूप से लागू रहेंगे,
या फिर अधिकारियों के डर से केवल एक दिन की दिखावटी सख्ती साबित होगी?


सरसीवां/धान खरीदी सीजन के बीच आज सुबह तहसीलदार आयुष तिवारी ने सरसीवां धान उपार्जन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएँ सामने आईं, जिसके बाद उन्होंने प्रबंधन समिति और हमालों को तत्काल सख्त निर्देश दिए।
तहसीलदार तिवारी ने स्पष्ट रूप से कहा—
“किसान सिर्फ धान लाकर देंगे, बोरा भराई और तौल का पूरा काम हमाल ही करेंगे। नियमों से कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी।”
धान खरीदी केंद्र में मिली अनियमितताएँ
निरीक्षण में पाया गया कि धान खरीदी शुरू होने के बाद से किसी भी दिन धान पर डेरी नहीं लगाई जा रही थी, और न ही हमाल धान की पलटी, बोरा भराई और तौल जैसे महत्वपूर्ण कार्य समय पर कर रहे थे। किसान बोरा भराई के लिए मजबूर थे, जो नियमों के विपरीत है।
तहसीलदार ने निर्देश दिया कि 40 किलो 600 से 700 ग्राम वजन मानक का सख्ती से पालन किया जाए। किसानों को सुविधा के लिए शासन द्वारा प्रबंधन समिति को प्रति क्विंटल पैसे की राशि दी जाती है, इसलिए किसी किसान को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
हमालों ने काम से किया इंकार, तुरंत नई टीम बुलानी पड़ी
जब तहसीलदार ने हमालों को डेरी लगाकर बोरा भराई और तौल करने कहा, तो वहाँ उपस्थित हमालों ने इसे किसानों का काम बताते हुए काम करने से मना कर दिया।
स्थिति गंभीर देखने पर प्रशासन ने तत्काल सरसीवां से नई हमाल टीम बुलाकर बोरा भराई का कार्य शुरू कराया। बाद में प्रबंधक के अनुरोध पर पुरानी हमाल टीम भी वापस काम पर लौटी।
कलेक्टर के निर्देश में चल रही कार्रवाई
कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौज के निर्देश के तहत जिले में धान खरीदी व्यवस्था की कड़ी निगरानी की जा रही है। तहसीलदार ने चेतावनी दी कि वजन में गड़बड़ी और प्रक्रिया में लापरवाही की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धान खरीदी के बीच प्रशासन की यह कार्रवाई किसानों की सुविधा, पारदर्शिता और निष्पक्ष व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।






