छत्तीसगढ़

मासूम बेटे के साथ दर दर भटक रही अगवा इंजीनियर की पत्नी..

बीजापुर: नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के सब इंजीनियर अजय रौशन लकड़ा का चार दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
लकड़ा की तलाश में उनकी पत्नी अर्पिता तीन साल के मासूम बेटे को लेकर दर-दर भटक रही हैं। शनिवार को वह जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर बुरजी गांव तक गई थीं। बुरजी में सड़क निर्माण के विरोध में बीते एक महीने से कई गांव के ग्रामीण धरने पर हैं। उन्होंने ग्रामीणों से पति की रिहाई में मदद की अपील की।

ग्रामीणों आश्वासन दिया है कि उनकी बात नक्सलियों तक पहुंचा देंगे। अर्पिता विधायक विक्रम मंडावी से भी मिलीं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। लकड़ा की बूढ़ी मां की तबीयत बिगड़ गई है। वह अपने बेटे के सकुशल लौट आने की दुआ कर रही हैं। जिस इलाके में नक्सलियों ने लकड़ा का अपहरण किया है उस तरफ सड़क पर उन्होंने बड़े-बड़े पेड़ गिराकर और गड्ढे खोदकर रास्ता ब्लाक कर रखा है।

ज्ञात हो कि पीएमजीएसवाय के सब इंजीनियर अजय रौशन लकड़ा व कार्यालय सहायक लक्ष्मण परतागिरी गुरुवार को सड़क निर्माण का काम देखने मनकेली गांव की ओर गए हुए थे। तभी वहां सादे वेशभूषा में कुछ नक्सली आये और उनका अपहरण कर ले गए। शुक्रवार को कार्यालय सहायक लक्ष्मण परतागिरी को रिहा कर दिया गया, लेकिन सब इंजीनियर अजय लकड़ा को नक्सली अब भी अपने कब्जे में रखे हुए हैं। रविवार को अर्पिता अपने पति की तलाश में फिर से जंगलों की ओर जाने की जिद करती रही। लोगों ने समझाया तो वे रास्ते से लौट आईं।

बेटा रोज पूछता है, कब आएंगे पापा

अर्पिता ने मीडिया के माध्यम से नक्सलियों से अपील की है कि वे उनके पति को रिहा कर दें। चार दिन से तीन साल के मासूम बेटे ने अपने पिता को न देखा और न ही उनकी आवाज सुनी है। वह रोज पूछता है मम्मी पापा कब आएंगे। अर्पिता ने नक्सलियों से मार्मिक अपील करते कहा कि एक बहन की फरियाद को सुनकर उनके पति को रिहा कर दें। अर्पिता ने बताया कि उनके पति की बुुजुंर्ग मां अंबिकापुर के गांधी नगर में रहती हैं। रो रोकर उनकी तबीयत बिगड़ गई है।

कलेक्टर ने की रिहाई की अपील बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने नईदुनिया से कहा कि प्रशासनिक स्तर पर भी अजय लकड़ा की रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से अपील कर रहे हैं कि नक्सली सब इंजीनियर अजय लकड़ा को छोड़ दें। विधायक विक्रम मंडावी ने अपील की है कि नक्सली मानवता का परिचय दें और शासकीय सेवक को रिहा कर दें।

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