
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में पीएम आवास सत्यापन के नाम से हितग्राही से अवैध उगाही जोरों पर हैं।जरूरतमंदों के हक पर डाका डालने वालों की रवैया सातवे आसमान छु रहा हैं।जहां एक ओर गरीबों को छत दिलाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रहा है।वहीं दूसरी ओर कुछ सम्बंधित कर्मचारियों द्वारा ‘आवास सत्यापन के नाम से अवैध वसूली’ का हितग्राहीयो खेला खेल रहे हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् जीवों टेकिंग, सर्वे व सत्यापन, जैसे किसी भी कार्य के लिए अगर कोई भी अधिकारी व कर्मचारी पैसा का मांग करता है। उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही किया जाएगा।
क्योंकि सरकार ने सत्यापन प्रक्रिया के लिए कुछ कर्मचारियों को इसका कमान सौंपा हैं।जो वास्तविक में पात्र रुपी हैं।जिनको प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिल सके। ताकि देश के नागरिको परेशानियों से मुक्ति मिल सके।परंतु सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला मे ग्रामीण से उलटा सुनने को मिल रहा है। जहां पात्र ब्यक्ति को सत्यापन के नाम से हजारों रुपए का चुना लगा रहे हैं।
जबकि,आवास सत्यापन एक मुफ्त प्रक्रिया है।और इसके लिए किसी को भी पैसे देने की आवश्यकता नहीं हैं।
आखिरकार जनता किस्से गुहार लगाए, सत्यापन कर्ताओं ने इस कदर डराकर रखें हैं कि अगर पैसा के लेन-देन को किसी से साझा किया तों। तुम्हारा आवास को काट दिया जाएगा।डरे सहमें भोले भाले जनता डर के मारे किसी से साझा नहीं करतें। जिससे लोग ऐसे लोगों के शिकार हो जा रहें हैं।अब देखना यह है।कि ख़बर चलने के बाद उच्च अधिकारी इस तरह की हों रही भ्रष्टाचार पर कैसे अकुंश लगा पाते हैं।या फिर अवैध उगाही का खेल जारी रहेगा।




