पंथी नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन, भारी बरसात में भी उमड़ा जनसैलाब
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सरसीवां तहसील अंतर्गत ग्राम पिपरडुला में बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती समारोह का आयोजन धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि भारी बारिश के बावजूद स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और उत्साहपूर्वक आयोजन का आनंद लिया।
तीन वर्षों से हो रहा आयोजन 26/27/28 दिसंबर को
यह भव्य आयोजन ग्राम पिपरडुला में लगातार तीन वर्षों से हो रहा है। पहले दिन शोभायात्रा निकाली गई और बाबा गुरु घासीदास जी की पालो चढ़ाई गई। रात्रि में पंथी नृत्य, मंगल गायन, भजन, और बाबा से जुड़े विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसके साथ ही विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। पुरस्कार वितरण 29 दिसंबर को किया गया व संपन्न हुआ समारोह।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने दिए प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ग्राम सरपंच श्रीमती सुकमनी डी.पी. कुर्रे ने नारी सशक्तिकरण और शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बच्चों को शिक्षित बनने की प्रेरणा दी। विशिष्ट अतिथि कशीश जांगड़े (कृषि स्नातक और पत्रकार सारंग सार), केशव टांडेल (प्रधान पाठक), नेतराम यादव, भगवानदास तेंदुलकर, प्रवेश भारती सहित अन्य गणमान्य अतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
पंथी नृत्य और भजन गायन में पुरस्कार वितरण
पंथी नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 1,00,01 रुपये आदर्श झंकार पंथी पार्टी, रायपुर को दिया गया, जो सरपंच श्रीमती सुकमनी डी.पी. कुर्रे द्वारा प्रदान किया गया। द्वितीय पुरस्कार 5,001 रुपये सुहाना पंथी पार्टी, गगोरीटांडा को काशिश जांगड़े द्वारा दिया गया। तृतीय पुरस्कार सत के अंजोर पंथी पार्टी 3,001 रुपये केशव टांडेल द्वारा, चतुर्थ पुरस्कार 2001 अमर ज्योतिपंथी पार्टी आयोजक समिति द्वारा प्रदान किया गया। साथ ही मंगल गायन में प्रथम पुरस्कार 2001 रुपया नेतराम यादव द्वारा सुखराम मल्दा को, द्वितीय पुरस्कार 1501 रुपया बुन्दबाई भिनोदा को भगवान दास द्वारा दिया गया, तृतीय पुरस्कार नरमदा बाई गायदरहा को 1001 परवेश भारती के व्दारा दिया गया।
संतों का प्रवचन और गुरु ज्ञान का प्रसार
गुरु गद्दी पर विराजमान संत शिरोमणि महाबली टंडन ने बाबा गुरु घासीदास जी के आदर्शों और नियमों को जीवन में अपनाने का संदेश दिया। बाहर से आए कलाकारों और प्रवचनकर्ताओं ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
उत्तम भोजन व्यवस्था और सफल संचालन
समारोह के दौरान बाहर से आए कलाकारों और सभी उपस्थितों के लिए उत्तम भोजन व्यवस्था की गई। कार्यक्रम का सफल संचालन चंद्र कमल टांडेल, कमलेश कुर्रे, शशिकांत नारंग, तरुण प्रकाश टंडन, लकेश्वर , रोहित, हेमंत विजय व समिति के अन्य सदस्यों ने किया।
हर साल बढ़ रहा है आयोजन का महत्व
दिसंबर माह में आयोजित यह कार्यक्रम सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बनता जा रहा है। गुरु घासीदास जी के ज्ञान और आदर्शों का प्रचार-प्रसार इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।
धन्यवाद ज्ञापन
आयोजन समिति ने सभी सहयोगकर्ताओं और ग्रामवासियों का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह भव्य आयोजन सफल हुआ।