सारंगढ़। झेरियाधोबी बरेठ समाज ने आज कलमानगर में सैकड़ों बरेठ समाज के लोगो ने बहुत ही हर्ष उल्लास से संत गाडगे महाराज का जयंती मनाई एवम पुष्प से पूजा अर्चना कर याद किए।जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अँजनगाँव सुरजी तालुका के शेड्गाओ ग्राम में एक धोबी परिवार में हुआ था. वे एक घूमते फिरते सामाजिक शिक्षक थे, वे पैरो में फटी हुई चप्पल और सिर पर मिट्टी का कटोरा ढककर पैदल ही यात्रा किया करते थे. और यही उनकी पहचान थी. जब वे किसी गाँव में प्रवेश करते थे तो वे तुरंत ही गटर और रास्तो को साफ़ करने लगते. और काम खत्म होने के बाद वे खुद लोगो को गाँव के साफ़ होने की बधाई भी देते थे. गाँव के लोग उन्हें पैसे भी देते थे और बाबाजी उन पैसो का उपयोग सामाजिक विकास और समाज का शारीरिक विकास करने में लगाते. लोगो से मिले हुए पैसो से महाराज गाँवो में स्कूल, धर्मशाला, अस्पताल और जानवरो के निवास स्थान बनवाते थे.गाँवो की सफाई करने के बाद शाम में वे कीर्तन का आयोजन भी करते थे और अपने कीर्तनों के माध्यम से जन-जन तक लोकोपकार और समाज कल्याण का प्रसार करते थे. अपने कीर्तनों के समय वे लोगो को अन्धविश्वास की भावनाओ के विरुद्ध शिक्षित करते थे. अपने कीर्तनों में वे संत कबीर के दोहो का भी उपयोग करते थे.संत गाडगे बाबा सच्चे निष्काम कर्मयोगी थे। महाराष्ट्र के कोने-कोने में अनेक धर्मशालाएँ, गौशालाएँ, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का उन्होंने निर्माण कराया। सारंगढ़ झेरिया धोनी समाज के सैकड़ों सामाजिक बंधु अध्यक्ष अंडोला परिक्षेत्र सेवक राम बरेठ,सारंगढ़ अध्यक्ष दिलीप सोनसर्व, महेत्तर बरेठ,झाड़ू राम बरेठ, तिरीथ बरेठ,तिंगालू,जगदीश बरेठ,रवि बरेठ,परदेशी बारेठ, गोविन्द बरेठ,शंकर बरेठ,कंगालू बरेठ आदि सामाजिक उपस्थित रहे।
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