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बकरीपालन बना दिव्यांग गुरुदेव राठिया के लिए आत्मनिर्भरता का जरिया


रायगढ़ (तमनार): ग्राम लालपुर, विकासखंड तमनार, जिला रायगढ़ के गुरुदेव राठिया, जो भूमिहीन होने के साथ-साथ दिव्यांग भी हैं, ने नाबार्ड और हिंडाल्को की बाड़ी विकास परियोजना के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त किया है। मई 2024 में इस परियोजना के तहत उन्हें 42,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी, जिससे उन्होंने 3 बकरियां खरीदीं और उनके लिए शेड बनवाया।

छह महीने के भीतर, उनके पास बकरियों की संख्या बढ़कर 12 हो गई, जिनकी बाजार में कीमत लगभग 80 से 90 हजार रुपये आंकी जा रही है। गुरुदेव, जो दिव्यांगता के कारण मजदूरी नहीं कर पाते थे, अब बकरीपालन के माध्यम से अपनी आजीविका कमा रहे हैं।

गुरुदेव राठिया ने जन्मित्रम और उनके कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया, जिन्होंने उनके घर पर आकर उन्हें नाबार्ड-हिंडाल्को बाड़ी परियोजना का लाभ दिलाया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है, जिसके लिए वे नाबार्ड, हिंडाल्को और जन्मित्रम कल्याण समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

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