छत्तीसगढ़रायगढ़

जिला इकाई के पदाधिकारियों ने देह दान करने वाले बाबा रामानंद जी का किया सम्मान

समाज सेवा के उद्देश्य से देह दान का महा संकल्प

नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड क्राइम कंट्रोल ब्यूरो रायगढ़ इकाई के बैनर तले लिया निर्णय

रायगढ़. दानवीरों की नगरी कहे जाने वाले रायगढ़ जिले के निकटम ग्राम कोड़ातराई निवासी एक धार्मिक और समाज सेवी व्यक्ति बरतराम साव उर्फ बाबा रामानंद ने देह दान कर इतिहास रचा है।

मुख्यालय के पास स्थित इस छोटे से गांव में इस तरह की दान वृत्ति के विषय में आज शहर में जिसने भी जाना उसने बाबा रामानंद के संकल्प की प्रशंसा की।

यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि बीते कल पूरे क्षेत्र में जहां भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा धूम धाम से मनाई जा रही थी। इसी क्रम में ग्राम कोड़ा तराई स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड क्राइम कंट्रोल की जिला इकाई के पदाधिकारियों जिनमें समाज सेवी राजेंद्र आजमानी सहित कुंज राम प्रधान,कमलेश गुप्ता व वरिष्ठ नागरिकों की गरिमामय उपस्थिति में गांव के संत प्रवृत्ति के बाबा रामानंद जी ने समाज सेवा के उद्देश्य से मृत्यु उपरांत अपना देह दान करने का संकल्प लिया। संकल्प को लेकर बाबा ने कहा कि उम्र के इस चौथे पड़ाव में भी वे भगवान जगन्नाथ जी की कृपा से पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्हे उनके सात्विक जीवन शैली की वजह से किसी प्रकार का कोई रोग नही है। फिर भी जीवन का कोई भरोसा नहीं है और हमारा शरीर नश्वर है। अतः वे चाहते है कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शरीर का अंतिम संस्कार करने के बजाए उसे रायगढ़ मेडिकल कालेज में दान दे दिया जाए। ताकि शरीर का स्वस्थ अंग किसी जरूरत मंद के काम आ जाएं और बाकी भाग से मेडकिल के छात्र शोध या प्रयोग का काम करें। इस तरह उनका नश्वर शरीर सही काम आ जाएगा। उनकी नजर में इससे बड़ी मानव सेवा और कोई दूसरी नही है। अतः वे स्वेच्छा से यह निर्णय ले रहे हैं।

बाबा रामानंद की इस घोषणा के बाद संस्था के पदाधिकारियो और ग्रामीणों ने उन्हें सम्मानित किया। साथ ही स्माजनके दूसरे लोगों को प्रेरणा लेने की अपील की।।

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