
बगैर फार्मेसिस्ट संचालित हो रहा यह मेडिकल स्टोर प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री जमकर जिम्मेदार मौन
अवधेश टंडन की रिपोर्ट
जैजैपुर: इन दिनों क्षेत्र में धड़ल्ले के साथ मेडिकल स्टोर ऐसे खुल रहे हैं जैसे कोई चाय और पान ठेले की दुकान हो नियम के अनुसार मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट का होना आवश्यक होता है लेकिन यहां फार्मेसिस्ट तो दूर की बात यहां मेडिकल फील्ड के जानकार भी नहीं बल्कि वर्करों के भरोसे चल रहे हैं. यहां जीवन रक्षक दवाइयों की दुकानदारी धड़ल्ले के साथ चल रही है लेकिन ड्रग विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे कुकुरमुत्ता की तरह खोलें मेडिकल स्टोर पर बंद कराने की कार्यवाही करने के बजाय उन्हें संरक्षण देते नजर आ रहे हैं.
ब्लॉक मुख्यालय से लगे कुटराबोड़ में कई मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं जहां पर फार्मासिस्ट ना तो यहां पर बैठते हैं ना ही मेडिकल फील्ड के जानकारी रखने वाले बल्कि यहां पर वर्कर के भरोसे यहां का मेडिकल स्टोर संचालित हो रहा है और लोगों के जान के साथ खिलवाड़ होता नजर आ रहा है. वही जब हमारी टीम यहां संचालित हो रहे अमृत मेडिकल स्टोर पर पहुंची तो पाया कि इस मेडिकल स्टोर में ना तो फार्मासिस्ट बैठते हैं नहीं यहां पर ड्रग विभाग द्वारा दी जा रही गाइडलाइंस का पालन किया जाता है वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां पर धड़ल्ले के साथ प्रतिबंधित दवाइयां भी बेची जा रही हैं लेकिन ड्रग विभाग के जिम्मेदार अधिकारी यहां पर कार्यवाही करने के बजाय खुलेआम संरक्षण देते नजर आ रहे हैं शायद ड्रग विभाग के अधिकारियों को किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है.
गर्भपात कराने एवं नशीली दवाइयों का होता है धड़ल्ले के साथ व्यापार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां पर धड़ल्ले के साथ प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री की जाती है वही गर्भपात की दवाई नशीली दवाई की बिक्री भी जमकर की जाती है लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग एवं ड्रग विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही. वहीं मेडिकल स्टोर संचालक से जब हमने बात की तो उसका कहना है कि मैं तो वर्कर हूं यहां पर फार्मासिस्ट और मालिक नहीं आते साथ ही साथ यह भी जानकारी मिली है कि जिम्मेदार अधिकारियों से इनकी सेटिंग होती है जिसमें एक मोटी रकम दी जाती है जिसकी वजह से कार्यवाही करना तो दूर मेडिकल स्टोर के निरीक्षण में भी नहीं आते.
अब देखना होगा कि मीडिया के संज्ञान में आने के बाद आला अधिकारी और जनप्रतिनिधि ऐसे नियम कानून को ताक पर रखकर चलाने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों के ऊपर क्या कार्यवाही करते हैं या फिर पैसों के बलबूते इन्हें ऐसे ही धड़ल्ले के साथ संचालित करने की खुली छूट मिले रहेगी.