सारंगढ़ बिलाईगढ़, 18 मई 2024/आज के समय में उपभोक्ताओं का जागरूक होना आवश्यक है। कोई भी व्यक्ति जो किसी सेवा के बदले शुल्क भुगतान करते हैं, वे उपभोक्ता कहलाते हैं। उपभोक्ता को कोई भी समान खरीदने के बाद रसीद जरूर मांगना चाहिए। यह उपभोक्ता का पहला अधिकार है। आज क़े दौर में असली नकली का फर्क करना मुश्किल है। कई उपभोक्ता को गलत सामान दे दिए जाते हैं, जिससे उपभोक्ता को क्षति होती है। उपभोक्ता सेवा में त्रुटि होना गलत है। ऐसे में सेवा प्रदाता, निर्माता, विक्रेता के खिलाफ क्षतिपूर्ति के लिए जिला आयोग में परिवाद दाखिल किया जा सकता है। आनलाइन हेल्पलाइन 1915 या टोल फ्री नंबर 1800114000 से सहायता ले सकते हैं। प्रत्येक जिले में उपभोक्ता प्रतितोष आयोग कार्य कर रहा है। पहले इसे जिला उपभोक्ता फोरम के नाम से जाना जाता था। इसमें बिजली, टेलीफोन, रेल, डाक सहित अन्य मामले में भी परिवाद दाखिल किया जा सकता है। जबसे लोग पैदा होते हैं उपभोक्ता हो जाते हैं। अभी डिजिटल युग में जरूरत है, गांव- गांव में जागरूकता शिविर आयोजित करने की। एक किसान से लेकर अधिकारी तक उपभोक्ता हैं। जानकारी के अभाव में लोग अपनी बात उचित फोरम पर नहीं रख पाते हैं। अब डिजिटल माध्यम से भी उपभोक्ता अपनी शिकायत उपभोक्ता फोरम में दाखिल कर सकते हैं।
शिकायत की प्रक्रिया
उपभोक्ता न्यायालय बहुत सरल और त्वरित न्याय प्रदान करते हैं। यह कोर्ट सिविल न्यायालय के केस प्रक्रिया से आसान हैं। इनमें वकील अथवा किसी अन्य तर्क देने वाले की कोई आवश्यकता नहीं है और उपभोक्ता स्वयं ही अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से मामला दायर कर सकता है और अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकता है।
शिकायत दायर
उपभोक्ता द्वारा,किसी स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन द्वारा, केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा,जहां समान हित रखने वाले अनेक उपभोक्ता हों, एक अथवा अधिक उपभोक्ताओं द्वारा, और
किसी उपभोक्ता की मृत्यु हो जाने की दशा में उसके कानूनी उत्तराधिकारी अथवा प्रतिनिधि द्वारा शिकायत दायर की जा सकती है।
खरीदी की सीमा और शिकायत
यदि वस्तुओं अथवा सेवाओं का मूल्य और दावा की गई क्षतिपूर्ति, यदि कोई है, की राशि 20 लाख रूपये तक हो तो जिला आयोग में; यदि 20 लाख रूपये अधिक किन्तु 1 करोड़ रूपये से कम हो तो राज्य आयोग में, और 1 करोड़ रूपये से अधिक हो तो राष्ट्रीय आयोग में शिकायत दायर की जा सकती है।
शिकायत के आवेदन में क्या जिक्र करना चाहिए
शिकायत के आवदेन में शिकायतकर्ता का नाम, विवरण और पता, प्रतिपक्ष अथवा पक्षों का नाम, विवरण और पता,
शिकायत से संबंधित तथ्य और यह कब और कहां उत्पन्न हुई,
आरोपों, यदि कोई हों, के समर्थन में दस्तावेज, राहत जो शिकायतकर्ता प्राप्त करना चाहता उसे सामान्य अपने ज्ञान के मुताबिक लिखना चाहिए।
शिकायत शुल्क
जिला उपभोक्ता आयोग/राज्य आयोग/राष्ट्रीय आयोग के समक्ष दायर की जाने वाली प्रत्येक शिकायत के साथ, यथानिर्धारित शुल्क, किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के रेखांकित डिमांड ड्राफ्ट अथवा रेखांकित भारतीय पोस्टल ऑर्डर के रूप में संलग्न होना चाहिए, जो राज्य आयोग के रजिस्ट्रार के पक्ष में उस स्थान पर देय होगा जहां राज्य आयोग अथवा राष्ट्रीय आयोग अवस्थित है। इस प्रकार प्राप्त की गई राशि को संबंधित जिला आयोग द्वारा जमा करा दिया जाएगा।