सारंगढ़

कोसीर गांव का रथ उत्सव अंचल में सबसे प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर से निकलती है रथ ….

लक्ष्मी नारायण लहरे @कोसीर.लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रभु जगन्नाथ की होती है पूजा पाठ गांव में रथ उत्सव मनाया जाता है । हिन्दू धर्म में मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होने से व्यक्ति को 100 यज्ञों के बराबर पुण्यफल मिलता है और जीवन से जुड़े तमाम सुखों को भोगता हुआ अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है. यही कारण है कि देश-दुनिया से लोग अपनी और अपने परिवार की खुशहाली की कामना लिए इस रथयात्रा में शामिल होते हैं ।परम्परगत रथ उत्सव को मनाया जाता है । कोसीर गांव का रथ उत्सव रथ यात्रा सबसे प्राचीन है यहां आस -पास गांव के लोग रथ उत्सव को देखने आते हैं और यहाँ 100 वर्ष से भी अधिक पुराने लक्ष्मी नारायण मंदिर है जो चन्द्रा समाज की धरोहर है यही प्रभु जगन्नाथ की मूर्ति मन्दिर में रहती है इस परंपरा को उनके पूर्वज निभाते आ रहे है और वर्तमान में भी लक्ष्मी नारायण मंदिर से ही रथ यात्रा निकलती है और उत्सव के रूप में मनाया जाता है । पिछले एक दशक पूर्व से रथ के जगह अब ट्रैक्टर ने ले ली है और ट्रैक्टर में ही जगन्नाथ प्रभु को पूरे गांव में घुमाया जाता है वही गांव के गलियों में पूजा -पाठ किया जाता है और लक्ष्मी नारायण मंदिर चौक पर नर्तक दलों के दुवारा भजन कीर्तन किया जाता है जिसका लुप्त उठाने गांव और आस पास गांव के लोग आते है ।

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