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सिर्फ श्रद्धांजलि देना निर्लज्जता होगी,जैसा हम आज तक हर बार करते आये हैं…

Mi 17 या उड़ता ताबूत हादसों के क्रम
को देखते हुए उपयोगिता पर सवाल बनता है..

Mi 17 हेलीकाप्टर की विगत दुर्घटनाओं को देखते हुए,यह सवाल उठना लाजिमी है कि देश की सुरक्षा उपयोगों और vvip सेवा में इन हेलीकॉप्टरों प्रयोग तत्काल रोका जाए। cds विपीन रावत और 14  जवानों की मौत छोटी घटना नही है।।

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत को ले जा रहा Mi17 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है। इस क्रैश में अब तक 11 लोगों की मौत की खबर है। बिपिन रावत और उनकी पत्नी के हालात के बारे में सेना की ओर से अब तक कोई अपडेट नहीं दी गई है। वायुसेना ने कहा है कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। सवाल यह है कि क्या जांच रिपोर्ट निष्पक्ष होगी.? क्या उसे सार्वजनिक किया जाएगा.? अगर इसके पहले हुए हर हादसे की सही जांच की गई होती और उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक होती तो mi 17 कब का आउट ऑफ  सर्विस हो गया था।

परन्तु इसे विडम्बना ही कहिए कि हमारे देश में न तो आम लोगो के जान की अहमियत है न ही सेना के जवानों और अफसरों की..

कल हुई दुर्घटना पहली दुर्घटना नहीं है,जब Mi17 हेलिकॉप्टर भारत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अब तक Mi17 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें अधिकतर लोग सेना से जुड़े रहे हैं।

खतरनाक रहा है Mi-17 हेलीकाप्टर का रिकॉर्ड:* *पहले भी हो चुके हैं कई भीषण हादसे,डिटेल में जानें Mi17 हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है

  3 अप्रैल 2018 को हुए हादसे में यहां
भारतीय वायु सेना का एक Mi-17 हेलीकॉप्टर केदारनाथ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था लेकिन इसमें सवार सभी लोग बच गए थे।

वहीं 6 अक्टूबर 2017 की घटना
अरुणाचल प्रदेश में घटित हुई यहां भारतीय वायु सेना का Mi-17v5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें सवार 7 लोगों की मौत हो गई थी।

25 जून 2013 की घटना में

उत्तराखंड राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाते समय Mi-17v5  दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सवार सभी 20 लोगों की मौत हो गई थी।

एक अन्य मि 17 की घटना 19 अप्रैल 2011 को घटित हुई थी,यहां

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में उतरने से कुछ सेकंड पहले पवन हंस Mi-172 में आग लग गई, जिसके कारण सवार सभी 17 लोगों की मौत हो गई थी।

वहीं 19 नवंबर 2010 की घटना भी

अरुणाचल प्रदेश में तवांग के पास एक भारतीय वायु सेना का Mi-17 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार सभी 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही 2 और भी इस तरह की घटना घटित हुई है।

30 अगस्त 2012

जामनगर के पास भारतीय वायु सेना के दो Mi-17 के आपस में टकराने की वजह से 9 लोगों की मौत हो गई थी।

जबकी 27 फरवरी 2019 के दिन

भारतीय वायु सेना का एक Mi-17 बडगाम, जम्मू और कश्मीर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सात लोगों की मौत हो गई थी. गYया इतने हादसों के बाद भी mi17 का परिचालन संदेह के दायरे में नही आना चाहिए ??

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