मणिपुर हमले में शहीद रायगढ़ के लाल कर्नल विप्लव में बचपन से था देशभक्ति का जज्बा…
रायगढ़: शहीद विप्लव में देशभक्ति का जज्बा बचपन से ही था। यही वजह है कि उन्होंने रीवा के सैनिक स्कूल में दाखिला लिया। इसके बाद वे पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आखिरकार वे भारतीय सेना कर्नल बन गए। मणिपुर में पोस्टिंग के दौरान रविवार सुबह हुए उग्रवादी हमले में विप्लव शहीद हो गए। साथ ही उनका परिवार भी उजड़ गया। पत्नी और पांच साल के मासूम की हमले में मौत हो गई।
रायगढ़ के लाल के शहीद होने की खबर जैसे ही आई पूरा परिवार शोक में डूब गया। साथ ही रायगढ़ में भी मातम छा गया। शहीद और उनकी पत्नी व बेटे का पार्थिव शरीर को रविवार देर शाम को विशेष विमान में रायगढ़ के हंडी चौक किरोड़ीमल कालोनी लाया जाएगा। इस घटना की खबर लगते शोकाकुल परिवार के घर लोगों का तांता लग गया। शहीद कर्नल के स्वजनों ने बताया कि विप्लव का बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था। विप्लव इसी जज्बे को पूरा करने के लिए सैनिक स्कूल रीवा से शिक्षा दीक्षा हासिल की।
दादा थे संविधान निर्माण समिति सदस्य
कर्नल विप्लव का परिवार रायगढ़ में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उनका परिवार स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा है। विप्लव के दादा स्व. पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी स्वतंत्रता सेनानी व शिक्षक थे। वे रायगढ़ जिले से एकमात्र व्यक्ति थे जो भारत के संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य चुने गए थे। वे (1947-50) तक संविधान सभा के सदस्य रहे और (1950-52) तक अस्थायी ससंद के सदस्य मनोनीत किए गए। उनके पिता सुभाष त्रिपाठी साप्ताहिक अखबार बयार के संपादक भी हैं।
बिलासपुर में भी मातम, मिनोचा कालोनी में है ससुराल
घटना की सूचना पर बिलासपुर में भी शोक की लहर है। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का ससुराल शहर स्थित मिनोचा कालोनी में हैं। एसईसीएल के सेवानिवृत्त मैनेजर केएन शुक्ला और रीता शुक्ला की बेटी अनुजा का विवाह कर्नल विप्लव से हुआ था। उग्रवादियों के हमले में बेटी अनुजा, दामाद विप्लव और नाती अबीर के निधन की सूचना पर स्वजन उनसे मिलने घर पहुंच गए। जान-पहचान वालों का भी आना-जाना लगा हुआ है। पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेयी ने बताया कि अनुजा मिलनसार बेटी थी। घटना से परिवार के लोग स्तब्ध हैं।