सारंगढ़

बेमौसम बारिश ने बढ़ाई धान की कटाई कर रहे किसानों की चिंता…

सारंगढ़: अचानक आसमान में बादल छा जाने और बारिश होने से धान की फसल की कटाई कर रहे किसानों की चिंता बढ़ा गई है। सुबह हुई हल्की बारिश से वातावरण में नमी आ गई। 70 फीसदी खेतों में फसल कटाई के लिए अब भी शेष है।
धूप नहीं निकलने से कटाई कर चुके फसल को खलिहान ले जाने में समस्या हो रही है। किसानों ने फसल कटाई स्थिगत कर दी है। बारिश जारी रही तो खेतों में कट चुके फसलों का नुकसान होगा।

आमतौर पर धान कटाई के बाद किसान फसल को खेत मे एक दिन रोकते हैं ताकि धूप में सूखने के बाद मिंसाई में आसानी हो। जिले में पिछले दो दिनों से आसमान में बदली छाई है। शनिवार की सुबह से हुई हल्की बारिश से वातावरण में नमी बरकरार है। बारिश के बढ़ते आसार ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कृषि विज्ञान केंद्र रायगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार आगामी 17 नवंबर तक मौसम में तेजी से परिवर्तन के साथ बारिश की संभावना है। लंबे समय तक बदली छाए रहने से किसानों को समस्या होगी। इन दिनों खेतो में धान कटाई का काम शीर्ष पर है। यदि बारिश हुई तो फसल को काफी नुकसान होगा। मोटा धान की कटाई का काम लगभग हो चुका है। पतला धान की कटाई जारी है। खेतो की भौगोलिक स्थिति समानांतर नही होने से हार्वेस्टर से धान कटाई करना संभव नहीं है। जिले के ज्यादातर किसान पारंपरिक तरीके से ही धान कटाई करते हैं। खलिहान में नमी होने से मिंसाई करना संभव नहीं हैं। किसान धान को पालीथीन में ढंककर रखने की जुगाड़ में लग गए हैं। किसानों की माने तो धान कटाई में हुई देरी का असर आगामी रबी फसल की बुआई पर पड़ेगा। धान कटाई के बाद गेहूं की बोआई की जानी है। बहरहाल एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है। ऐसे में किसान समय सीमा के भीतर धान कटाई का काम पूर्ण कर लेना चाहते हैं। बारिश का बेहतर साथ होने से इस बार खेतों में बीते साल से अच्छी फसल हुई है। अब असमय बारिश हुई और फसल भीगी तो किसानों के मेहनत में पानी फिर जाएगा।

हवा के झोंको से धराशाई हुए फसल

बारिश के कारण पकने के कगार पर आ चुके फसल में नमी आने लगी है। हवा के झोकों से 30 फीसद खेतों में लगी धान की फसल धराशाई हो चुके हैं। देरी बोआई की गई फसल की कटाई अभी भी पिछड़ी हुई है। किसानों की माने तो धूप नहीं निकली तो पकने में समस्या होगी साथ ही कटाई करने में मुश्किल होगी और इससे उपज प्रभावित होगा। धान कटाई के लिए किसान खेतों से पानी छोड़ चुके हैं, लेकिन बारिश ने खेतों में फिर से नमी ला दी है।

तापमान में स्थिरता बरकरार

आसमान में बदली छाने से तापमान में स्थिरता बनी हुई है। कृषि विज्ञान केंद्र कटघोरा लखनपुर के मौसम विशेषज्ञ संजय भेलावे का कहना है कि आगामी 17 नवंबर में मौसमी उतार चढ़ाव जारी रहेगी। इस दौरान तेज बारिश भी हो सकती है। शनिवार को दिन में अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा। दिन भर में सात मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि किसानों को चाहिए कि अभी फसल कटाई स्थगित कर दें और कटे फसल को खलिहान ले जाएं।

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