छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में सहकारी समिति के आंदोलन को बीजेपी ने समर्थन दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आंदोलन में शामिल होकर कर्मचारियों की मांग को जायज बताया……

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी करने वाली सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. 5 सूत्रीय मांगों को लेकर रायपुर के बूढ़ा तालाब में सोमवार से सहकारी समितियों के आंदोलन की वजह से धान खरीद प्रभावित हो सकती है. 2058 सहकारी समितियों के 15 हजार से अधिक कर्मचारियों को पिछले 15 महीनों से वेतन नहीं मिला है. सहकारी समिति के आंदोलन का बीजेपी ने समर्थन किया है. राज्य के पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह आंदोलन में शामिल हुए और उन्होंने कर्मचारियों की मांग को जायज बताया.

सहकारी समिति के हड़ताल को बीजेपी का समर्थन

सीएम डॉ रमन सिंह ने वेतन नहीं मिलने को शर्मनाक बताते हुए कमिशनखोरी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आज भी 10 लाख मीट्रिक धान खुले में पड़े हैं. इसके लिए जिम्मेदार सहकारी समिति नहीं सरकार है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. रमन सिंह ने समिति की अनुदान राशि को तुरंत देने की मांग की. उन्होंने कहा कि धान खरीदी एक तारीख से शुरू नहीं हुई तो किसान परेशान हो जाएंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने सहकारी समिति के हड़ताल को समर्थन देते हुए सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि हड़ताल से धान बेचने के इच्छुक किसानों का पंजीयन प्रभावित होगा. उन्होंने कर्मचारियों को डेढ़ साल तक वेतन भुगतान नहीं होने को घोर संवेदनहीनता बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि समितियों से राशि काटी जा रही है और ये अन्यायपूर्ण है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि,छत्तीसगढ में कांग्रेस की सरकार को जनता ने इतना बड़ा जनदेश दिया है. लेकिन सरकार इसे संभाल नहीं पा रही है इसलिए पगला गई है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 5 साल पूरा होने में ज्यादा समय नहीं है.

एक दिसंबर से धान की खरीद हो सकती है प्रभावित

सरकार का घोषणा पत्र धोखे का पुलिंदा था. उन्होंने दावा किया कि आज विधानसभा का चुनाव हो तो बीजेपी की जीत होगी. छत्तीसगढ में एक दिसंबर से धान खरीदी की शुरूआत होगी. इसके लिए राज्य सरकार तैयारियों में जुट गई है. इस साल 105 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है.लेकिन आंदोलन से धान खरीदी पर प्रभाव पड़ सकता है.। राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया है लेकिन अभी तक सहकारी समिति के कर्मचारीयों से किसी भी जनप्रतिनिधि ने मुलाकात नहीं की है

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